National Ramayana Festival: विविधता भरा होगा राष्ट्रीय रामायण महोत्सव, कई भाषाओं में होगी प्रस्तुति

राष्ट्रीय रामायण महोत्सव विविधता भरा होगा, जिसमें अलग-अलग भाषाओं में लिखी गई रामायणों का निचोड़ होगा।

Chhattisgarh National Ramayan: राष्ट्रीय रामायण महोत्सव विविधतापूर्ण होगा, जिसमें विभिन्न भाषाओं में लिखी गई रामायण निकाली जाएगी। दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में प्रचलित रामायणों के साथ-साथ रामचरित मानस से लेकर वाल्मीकि रामायण, कम्बन और कृतिवास का संगम इसमें देखने को मिलेगा। महोत्सव में राम चरित्र की व्याख्या व प्रस्तुति के साथ ही हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ होगा। संस्कृति विभाग उपस्थित लोगों को हनुमान चालीसा वितरित करेगा ताकि हजारों लोग एक साथ इसका पाठ कर सकें। राष्ट्रीय रामायण प्रतियोगिता में भाग लेने वाले राज्यों की संख्या दस से बढ़कर चौदह हो गई है। दंडकारण्य क्षेत्र के दक्षिण कोसल (अब छत्तीसगढ़) में श्री राम ने वनवास में लंबा समय बिताया, इसलिए प्रस्तुति अरण्य कांड पर केंद्रित होगी। 1 जून से 3 जून तक होने वाले राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के दौरान विभिन्न राज्य अपने-अपने राज्यों में प्रसिद्ध और वर्तमान रामायणों की संगीतमय, व्याख्यात्मक और झाँकी प्रस्तुत करेंगे।

अब 14 प्रदेशों की मंडलियां

संस्कृति विभाग के निदेशक विवेक आचार्य के अनुसार, नेपाल, कंबोडिया, इंडोनेशिया और थाईलैंड के कलाकार अरण्य कांड थीम पर प्रस्तुति देंगे। उत्सव मानस मंडलियों को पुरस्कृत करेगा। पहला पुरस्कार 5 लाख रुपये, दूसरा पुरस्कार 3 लाख रुपये और तीसरा पुरस्कार 2 लाख रुपये है।

ऐसी रहेगी कार्यक्रम की रूपरेखा

तीन दिवसीय आयोजन के पहले दिन प्रतिभागी टीमें मार्च पास्ट करेंगी। रामायण मंडली का प्रदर्शन दोपहर 3 बजे शुरू होगा। शाम को इंडियन आइडल के सिंगर शनमुख प्रिया और शरद शर्मा परफॉर्म करेंगे। रामायण मंडली 2 जून को दोपहर 3 बजे प्रस्तुति देगी। शाम को गायक बाबा हंसराज रघुवंशी और भजन गायक लखबीर सिंह लक्खा प्रस्तुति देंगे। कार्यक्रम का समापन 3 जून को दोपहर 3 बजे होगा। मंडली की अंतिम प्रस्तुतियों के साथ। शाम 6 बजे केलो महाआरती कार्यक्रम व दीपदान होगा। कवि कुमार विश्वास रामकथा व्याख्यान देंगे, और गायिका मैथिली ठाकुर भजन प्रस्तुत करेंगी।