Bhilai News: नशीली दवाइयों की सप्लाई, बांग्लादेश समेत भारत के शहरों में करता था तस्करी, 1.60 करोड़ की दवाइयां जब्त..

डार्क वेब प्रतिबंधित नशीली दवाइयों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तस्करी करने वाले तस्कर को पुलिस ने राजस्थान के बूंदी जिले से गिरफ्तार किया है। पूर्व में मोहन नगर पुलिस ने शंकर नगर निवासी भाई बहन की गिरफ्तारी के बाद आरोपित का सुराग मिला था।

Bhilai News: राजस्थान के बूंदी जिले से विदेशों में अवैध पदार्थों की तस्करी करने वाले एक डार्क वेब तस्कर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इससे पहले शंकर नगर निवासी भाई-बहन की गिरफ्तारी से मोहन नगर पुलिस को आरोपियों के बारे में जानकारी मिली थी। आरोपियों के पास से पुलिस ने 1 करोड़ 60 लाख 44 हजार रुपये कीमत के प्रतिबंधित पदार्थ बरामद किये। उस व्यक्ति ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि वह पहले भारत के अलावा बांग्लादेश में भी ड्रग्स की आपूर्ति कर चुका है। इसके अतिरिक्त, प्रतिवादी से लगभग पांच हजार पेज लंबा एक रजिस्टर भी ले लिया गया है। जहां उससे जुड़े अन्य तस्करों के बारे में जानकारी मिलने की उम्मीद है।

एनडीपीएस एक्ट के तहत आरोपियों पर पुलिस ने कार्रवाई की है। तिरूपति विहार देवपुरा जिला बूंदी, राजस्थान से गिरफ्तारियां हुई हैं। प्रतिवादी ने राजस्थान के बूंदी में बायोलैब रेमेडीज़ नाम से दुकान खोली और वहां से प्रतिबंधित दवा का कारोबार संचालित किया। उनके पास कुल 1 करोड़ 60 लाख 44 हजार रुपये मूल्य के प्रतिबंधित पदार्थ पाए गए। इसमें 80 कार्टून में 9600 पीस बायोकफ सिरप, 11 लाख 34 हजार पीस अल्प्राजोलम टैबलेट और 46 हजार 80 पीस ट्रामाडोल टैबलेट शामिल हैं।

बता दें कि शंकर नगर से आकांक्षा खंडेलवाल और उनके भाई वैभव खंडेलवाल को पहले मोहन नगर पुलिस ने हिरासत में लिया था। ड्रग्स बेचते समय गिरफ्तार किया गया था। इन आरोपियों से अंतरराष्ट्रीय तस्कर अंकुश पालीवाल के बारे में जानकारी मिली थी. जिसके आधार पर पुलिस की एक टीम राजस्थान गई थी और आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की थ।

करीब तीन साल से चला रहा है तस्करी की चेन

हिरासत में लिया गया आरोपी अंकुश पालीवाल करीब तीन साल से अवैध मादक पदार्थों का कारोबार कर रहा है। डार्क वेब पर उसने वायरस मेडिकोज नाम से प्रोफाइल बनाई थी। संपर्क करने पर वह नशीला पदार्थ सप्लाई करता था। छह महीने पहले इस मामले के शुरुआती दौर में हिरासत में लिए गए आकांक्षा खंडेलवार और वैभव खंडेलवाल ने वैभव फार्मास्युटिकल नाम से एक फर्जी कंपनी स्थापित कर यह उद्यम शुरू किया था। वैभव खंडेलवाल एक आईटी विशेषज्ञ के रूप में काम करते हैं। इस वजह से वह डार्क वेब से अच्छी तरह वाकिफ है। वह आरोपी अंकुश पालीवाल के संपर्क में आया और दुर्ग में एक कंपनी शुरू की।