Raipur News: गोल बाजार की दुकान के मालिकाना हक के लिए पहली रजिस्ट्री, व्यवसायी दो फाड़

Raipur News: साै साल से भी ज्यादा पुराने गाेलबाजार में काराेबारियाें की दूसरी-तीसरी पीढ़ी कारोबार कर रही है।

Raipur News: गोलबाजार में दुकान के मालिकाना हक की कानूनी अड़चनें दूर हो गई हैं। वहीं, पहली रजिस्ट्री शुक्रवार को पूरी हुई। जिसमें आरबी ठक्कर ने रजिस्ट्री पूरी कर मोर्चा संभाल लिया है। जबकि मुख्य सड़क व अंदर दुकान वाले व्यवसायियों की कमर टूट गई है। मुख्य सड़क व्यवसायी रजिस्ट्री कराने को आतुर हैं और बताते हैं कि उन्हें गाइडलाइन रेट से कोई आपत्ति नहीं है, जबकि अंदरुनी व्यवसायी रेट कम करने पर अड़े हैं। ऐसे में प्रशासन को उम्मीद है कि जिस तरह से व्यापारियों की सहमति ली गई और पहली रजिस्ट्री पूरी की गई, वह सफल रह। निकट भविष्य में अधिक व्यापारी गोल बाजार का स्वामित्व लेने के लिए पंजीकरण करेंगे। नगर निगम ने रजिस्ट्री के लिए 172 व्यवसायियों की पहली सूची प्रकाशित की है, जिनमें से लगभग 100 की मुख्य सड़क पर दुकानें हैं। वे जल्द से जल्द पैसा जमा कराकर रजिस्ट्री पूरी करने की तैयारी में हैं, वहीं अंदरखाने व्यवसायी गाइडलाइन रेट में बदलाव की मांग करते रहते हैं।

579 दुकानें में 480 दुकानें मेन रोड से पीछे

इस गोलबाजार में 579 दुकानें हैं और यह शहर के मध्य में स्थित है। इनमें से लगभग 480 स्टोर मुख्य सड़क के पीछे स्थित हैं। ये दुकानें मुख्य सड़क से महज 20 मीटर और उसके बाद 20 मीटर की दूरी पर हैं। वही इस क्षेत्र में दुकान लगाने वाले व्यवसायी गाइडलाइन रेट में बदलाव की मांग कर रहे हैं. उनका दावा है कि मुख्य सड़क से केवल 20 मीटर की दूरी पर होने के बावजूद उनके पास मुख्य सड़क जैसी सुविधाएं नहीं हैं और न ही उनके पास ग्राहकों के लिए पर्याप्त पहुंच मार्ग और सुविधाएं हैं।

निगम के किरायेदार हैं काराेबारी

गलबाजार के व्यवसायी इस समय किसी न किसी रूप में निगम के किराएदार हैं। छह साल से ज्यादा पुराने इस बाजार में कारोबारियों की दूसरी-तीसरी पीढ़ी का दबदबा है। इनमें से अधिकांश व्यापारी रुपये से कम का भुगतान करते हैं। शहर के सबसे बाहरी हिस्से में दुकानें होने के बावजूद निगम उनसे ज्यादा पैसा नहीं कमाता है। निगम ने राजस्व बढ़ाने के लिए व्यवसायियों को मालिकाना हक देने का फैसला किया है।

जिनकी दुकानों में विवाद नहीं, उनका ही चयन

प्रशासन व निगम ने व्यवसायियों की बैठक आयोजित की। इसके बाद 172 ऐसे व्यवसायियों को रजिस्ट्री के लिए चुना गया, जिनका अपनी दुकानों से कोई विवाद नहीं है। शेष दुकानों का विवाद होने पर निराकरण का प्रयास किया जा रहा है। इसको लेकर काफी बहस भी हुई थी और स्थिति अब भी जस की तस बनी हुई है। जिन्हें फायदा नजर आ रहा है वे रजिस्ट्री को पूरा करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन प्रशासन के नियमों से बेशक कई लोगों को नुकसान होगा।