Bemetara News: ट्रक की चपेट में आने से एक कांवरिया की मौत, दो घायल, नर्मदा धाम से जल लेकर हुए थे रवाना

रात के लगभग 1 बजे के पास मोहभट्ठा निवासी दिलीप वर्मा अपने साथी नरेश यादव एवं बसंत यादव के साथ कांवर लेकर जा रहे थे

Bemetara Accident News: इस समय सावन का पवित्र महीना चल रहा है। लोग जगह-जगह कांवर लेकर शिव भक्ति में लीन होकर शिव दर्शन करेंगे। इसी कड़ी में बेमेतरी के उमरिया चौक के पास कावंड़ लेकर जा रहे एक कांवरिया की सड़क हादसे में मौत हो गई।

जानकारी के मुताबिक कंवर को गाड़ी चला रहे दिलीप वर्मा के अलावा उसके दो अन्य दोस्त भी मौजूद थे। वे कांवर चला रहे थे तभी दिलीप वर्मा को एक ट्रक ने पीछे से टक्कर मार दी। जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गयी। दुर्घटना के बाद ट्रक चालक ट्रक लेकर भाग गया। टक्कर की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और आवश्यक कार्रवाई की। साथ ही ट्रक का पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।

दरअसल, सावन के महीने में बेमेतरा जिला मुख्यालय और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में कांवरिए आमतौर पर नर्मदा धाम ग्राम भेड़नी से जल लेकर भोरमदेव शिव मंदिर में जलाभिषेक के लिए जाते हैं। 22 जुलाई को भी इतनी ही संख्या में कांवरिये जल लेकर निकले थे। उसी समय रात करीब एक बजे मोहभट्ठा निवासी दिलीप वर्मा अपने दोस्त नरेश यादव और बसंत यादव के साथ कांवर लेकर जा रहे थे, इसी बीच पीछे से आ रहे एक दस चक्का ट्रक ने दिलीप वर्मा को टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गयी. वहीं उनके साथ चल रहे नरेश यादव और बसंत यादव घायल हो गए, जिन्हें जिला अस्पताल बेमेतरा ले जाया गया। फिलहाल उनका इलाज चल रहा है।

बता दें कि यह पहली बार है जब कांवर यात्रा के दौरान किसी ट्रक ने टक्कर मारी है. नतीजा यह हुआ कि जैसे ही दिलीप वर्मा के परिवार और गांव वालों को इस हादसे की जानकारी मिली, घर में मातम छा गया. आज मृतक दिलीप वर्मा का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया।

सुरक्षा पर सवाल

कांवरियों की बढ़ती संख्या के कारण उनकी सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गयी हैं. सावन के महीने में यात्रा में कांवरियों की संख्या साल दर साल बढ़ती जाती है और यात्रा बेमेतरा से कवर्धा तक राष्ट्रीय राजमार्ग पर चलती है। नेशनल हाईवे पर वाहन अनियंत्रित गति से चलते हैं। विशेषकर रात में वाहन बेतरतीब ढंग से चलाए जाते हैं, जिससे कांवरियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा हो जाती है। सावन के महीने में अब वाहनों की गति पर लगाम लगाना बेहद जरूरी है।