Bharat Ratna To LK Advani: राष्ट्रपति मुर्मू ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से किया सम्मानित…

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया. पीएम नरेंद्र मोदी भी आडवाणी के आवास पर मौजूद रहे

New Delhi: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को दिल्ली में उनके आवास पर भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार , भारत रत्न प्रदान किया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू भी लालकृष्ण आडवाणी के आवास पर मौजूद थे।

मोदी सरकार ने इस साल भारत रत्न के लिए पांच नामों की घोषणा की जिसमें लालकृष्ण आडवाणी शामिल थे।

शनिवार को राष्ट्रपति मुर्मू ने दो पूर्व प्रधानमंत्रियों चौधरी चरण सिंह और पीवी नरसिम्हा राव समेत चार प्रमुख हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित किया। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर और कृषि विज्ञानी एमएस स्वामीनाथन को भी देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

पीवी नरसिम्हा राव की बेटी, एन शारदा देवी ने अपने दिवंगत पिता को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने पर खुशी व्यक्त की।

एन शारदा देवी ने कहा, ”भारत के राष्ट्रपति के हाथों मेरे पिता पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने के लिए मैं भारत सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देती हूं. हम सभी बहुत खुश हैं।”

पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव का पुरस्कार उनके बेटे पीवी प्रभाकर राव ने प्राप्त किया।

लालकृष्ण आडवाणी का राजनीतिक सफर

  1. लालकृष्ण आडवाणी ने अपने संसदीय करियर की शुरुआत 1970 में की जब वे राज्यसभा के लिए चुने गए। उन्होंने अपना पहला लोकसभा चुनाव 1989 में नई दिल्ली से लड़ा और मोहिनी गिरी को हराया।
  2. 1991 में, आडवाणी ने दो निर्वाचन क्षेत्रों, गुजरात के गांधी नगर और नई दिल्ली से चुनाव लड़ा और दोनों जीते। बाद में उन्होंने गांधी नगर का प्रतिनिधित्व करने का विकल्प चुना। उन्होंने अपना आखिरी चुनाव 2014 में उसी सीट से लड़ा था।
  3. आडवाणी ने 1990 के दशक की शुरुआत में अयोध्या के राम मंदिर के लिए अपनी रथ यात्रा के साथ भाजपा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
  4. आडवाणी, जिन्हें कट्टरपंथी विचारधारा का प्रतिनिधित्व करने वाला माना जाता था हवाला डायरियों के संबंध में उनका नाम आने पर भाजपा के एक धड़े को इस्तीफा देना पड़ा। 2005 में पाकिस्तान, जहां उन्होंने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की प्रशंसा की। इस हंगामे के कारण कराची में पैदा हुए आडवाणी को भाजपा के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा।