गुंडों के गुंडाई वाले वायरल वीडियो पुलिस के लिए सिरदर्द बन गए है। बता दें कि एक तरफ छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पुलिस अपराधिक बदमाशों पर नजर बनाए हुए वहीं दूसरी ओर आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं।
Raipur News: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ठगों और बदमाशों के हौंसले बुलंद हैं. उन्हें पुलिस का कोई डर नहीं है. कानून, व्यवस्था और पुलिस को ताक पर रखकर ये गुंडे अपनी गुंडागर्दी के फुटेज वायरल कर रहे हैं. गुंडों की गुंडागर्दी की वायरल रिकॉर्डिंग से पुलिस परेशान हो गई है। आए दिन ऐसे नए मामले सामने आते रहते हैं।
आपको बता दें कि भारत में बनी पिस्टल के दम पर खुलेआम गुंडागर्दी करने वाले आरोपी ओम दुबे को पकड़ लिया गया है। इसके अलावा पुलिस ने आरोपी के पास से एक बंदूक भी बरामद की है. आरोपी मंझा हुआ चोर है. इससे पहले भी उनकी मारपीट का वीडियो प्रसारित हो चुका है। पुलिस ने अपराधी की परेड करायी और उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की गयी. एक अभिशाप है. इससे पहले भी, उसे हत्या के प्रयास और हमले सहित कई बड़े अपराधों के लिए जेल में डाल दिया गया था। वहीं दूसरी ओर पंडरी थाना क्षेत्र के वीवी विहार इलाके में एक युवक की हत्या का वीडियो सामने आया है. इस लड़ाई की उत्पत्ति अनिश्चित है। एक अन्य वायरल वीडियो में चार बदमाश एक युवक को पीटते हुए उसके पैर सहलाते हुए माफी मांग रहे हैं। पुलिस दोनों घटनाओं के आरोपियों की तलाश कर रही है।गौरतलब है कि अधिकारी सोशल मीडिया पर लोकप्रिय होने वाली रिकॉर्डिंग पर लगातार नजर रख रहे हैं। वहीं शहर की कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए ऐसे ठगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। ताकि जनता के बीच किसी भी प्रकार का हंगामा या चिंता न फैले।
हिस्ट्रीशीटरों को किया जाएगा जिलाबदर
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की तैयारी में दो दर्जन उम्रदराज़ बदमाशों को हटाने के लिए कलेक्टर को फाइल दी गई है। मूल 15 हिस्ट्रीशीटरों के नाम फाइनल हो चुके हैं और 10 नाम और जोड़े गए हैं। पुलिस ने पिछला इतिहास रिकार्ड खंगालने के बाद बदमाशों की फाइलें संकलित कीं। जिन बदमाशों को जिला बदर की कार्रवाई में शामिल किया गया है उन पर पहले से ही गंभीर अपराध दर्ज हैं। अब चुनावी मौसम में ऐसे उपद्रवियों को जिले से बाहर रखने के लिए पुलिस थानों से कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है. पुराने वारंटियों को गिरफ्तार करने का जिम्मा न सिर्फ पुराने हिस्ट्रीशीटरों को दिया गया है, बल्कि पुलिस अधिकारियों को भी दिया गया है।