राज्य सरकार के कृषि विभाग व क्रेडा की ओर से रियायती दरों पर किसानों को सोलर सिंचाई पंप दिए जाते हैं। ऐसे अनेक गांव और खेत खलिहान में सोलर पंप लगाने में प्राथमिकता दी जा रही है, जहां बिजली पहुंच पाना संभव नहीं हैं।
Chhattisgarh News: पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान छत्तीसगढ़ में 1.37 लाख सोलर पंपों की स्थापना से ग्रामीण इलाकों में किसानों की फसलें हरी-भरी हो गई हैं। इसका कारण सौर सुजला योजना का सफल क्रियान्वयन है।
पूरे राज्य में, यहाँ तक कि दूर-दराज के स्थानों में भी किसानों के खेतों में फसलें लहलहा रही हैं। पिछले साढ़े चार वर्षों में छत्तीसगढ़ अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (क्रेडा) ने सरकार की महत्वाकांक्षी योजना सौर सुजला योजना के तहत अधिक संख्या में सोलर पंप स्थापित कर राज्य के किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करायी है। देश के अलग-अलग राज्यों में लगे सोलर पंप. तुलना में, उच्चतम।
पंप लगने से बढ़ी आमदनी
कोरिया के बैकुंठपुर विकास खंड के कुडेली गांव के किसान सुखराम प्रजापति का दावा है कि उनके पास लगभग पांच एकड़ कृषि भूमि है। पहले, वे सीज़न के दौरान गेहूं की फसल उगाते थे, लेकिन बारिश के पानी से सिंचाई अपर्याप्त थी। उनके खेत में अब 3 एचपी का सोलर पंप है, जिससे उनका राजस्व 60,000 रुपये से अधिक हो गया है।
खेती से होने लगी है अच्छी आमदनी
कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर के कुआपानी गांव की रहने वाली मालती बाई धनेलिया का कहना है कि पहले सिंचाई सुविधाओं की कमी के कारण वह मानसून की बारिश पर निर्भर रहती थीं। सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होने के कारण खेत में तीन हार्सपावर का सोलर पंप लगाया गया है और दलहन-तिलहन की खेती से अच्छी आमदनी होने लगी है।
मिल चुका है पुरस्कार
क्रेडा के सीईओ आलोक कटियार के अनुसार, सौर सिंचाई पंप स्थापना में उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए छत्तीसगढ़ को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन राज्य नोडल एजेंसी का पुरस्कार भी मिला है। राज्य में सैकड़ों किसान अपने खेतों में सोलर पंप लगाकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं, जिससे उत्पादन के साथ-साथ उनकी आय भी बढ़ी है। सौर सिंचाई पंप उपलब्ध हैं। ऐसी कई बस्तियों और खेत खलिहानों में जहां बिजली नहीं पहुंच पाती, वहां सोलर पंप लगाने को प्राथमिकता दी जा रही है। सौर सुजला योजना से सुदूर वन क्षेत्रों के किसानों को लाभ हो रहा है।