Raipur Crime: सीए निकला आनलाइन सट्टे का मास्टमाइंड, तीन थानों से 15 गिरफ्तार, साढ़े 14 लाख जब्त, करोड़ों का मिला हिसाब

उड़ीसा समेत छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन सट्टा खिलाते हुए सटोरिए और खाते किराए पर लेने वाले 8 आरोपित गिरफ्तार को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में 5 पासबुक, 12 चेकबुक समेत 12 ATM जब्त किए गए हैं। वहीं बैंक खातों में करोड़ों रुपए मिले हैं।

Raipur News: पुलिस ने महादेव और रेड्डी अन्ना को ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप पर सट्टा लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया। सीए इसका मास्टरमाइंड निकला। उनके साथ आठ अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से 14.5 लाख रुपये नकद, 21 मोबाइल फोन, पांच पासबुक, 12 एटीएम कार्ड, 12 चेक बुक, तीन लैपटॉप, दो कंप्यूटर सिस्टम और तीन डायरियां जब्त की गईं।

आरोपियों के खातों में कुल करोड़ों रुपये का लेनदेन था। खमतराई थाना पुलिस ने गुढ़ियारी से पांच और तेलीबांधा से दो लोगों समेत आठ लोगों को पकड़ा। शनिवार को एसएसपी प्रशांत अग्रवाल और एएसपी अभिषेक माहेश्वरी ने पूरी स्थिति का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि इस मामले में बैंकर्स से भी पूछताछ की जाएगी। बताए गए सभी नामों पर कार्रवाई की जाएगी।प्रार्थी अरुण जल ने थाना खमतराई में रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह त्रिमूर्ति नगर रायपुर में रहता है। वेल्डिंग के लिए अच्छा काम करता है। पिछले वर्ष प्रार्थी की पत्नी संगीता जल रजत अग्रवाल के घर में काम करती थी। नतीजतन, आवेदन को गलती से रजत अग्रवाल समझ लिया गया। रजत अग्रवाल लगभग दो महीने पहले वाल्टियर गेट डीआरएम कार्यालय के बाहर आवेदक से मिले और उन्हें पता चला कि उन्हें वास्तव में एक बैंक खाते की आवश्यकता है।

कुछ दिनों के कारोबार के बाद वह इसे वापस कर देगा। तब आवेदक ने उस पर भरोसा किया और उसके निर्देशों के अनुसार अपना पैन कार्ड, आधार कार्ड और पासपोर्ट आकार का फोटो प्रदान किया। रजत अग्रवाल ने एचडीएफसी बैंक देवेन्द्र नगर का फॉर्म प्रस्तुत किया, आवेदक के हस्ताक्षर लिए और बैंक खाता खोला। इसी प्रकार, उनकी पत्नी संगीता जल ने एचडीएफसी बैंक में एक खाता खुलवाया।पासबुक और एटीएम कार्ड उनके पास रखा गया था, और रजत अग्रवाल ने अपना मोबाइल नंबर खातों में दर्ज किया था; किसका नंबर डाला गया, इसके बारे में आवेदक को कुछ भी नहीं बताया गया। कुछ दिन बाद रजत ने प्रार्थी को बताया कि उसका बैंक खाता बंद हो गया है।

जब आवेदक ने एचडीएफसी बैंक देवेन्द्र नगर शाखा में पूछताछ की तो बैंक प्रबंधक ने उसके खाते से अधिक धनराशि के लेनदेन को बंद करने का आदेश दिया। जब रजत अग्रवाल से उक्त बैंक खातों में लेनदेन के बारे में पूछताछ की गई तो वह टालमटोल करने लगे। आवेदक के आरोप के बाद जांच शुरू की गई। पूछताछ के दौरान आरोपी रजत अग्रवाल और उसके दोस्त हिमांशु सिंह, मंटू मांझी, मदन कुमार यादव, मो. उमैर, मोहित टांक, सीए फरहान एवं उपेन्द्र दास के साथ मिलकर उक्त घटना कारित करना स्वीकार किया गया।

आफिस खोलकर चलाते थे सट्टे का कारोबार

सीए फरहान और अन्य प्रतिवादी मोवा, पंडरी में बर्न ब्लैक नामक व्यवसाय चलाते हैं। ऐसे में वे लोगों को अपने झांसे में लेते हैं और उन्हें लोन समेत विभिन्न योजनाओं का प्रलोभन देकर उनके निजी दस्तावेज हासिल कर लेते हैं. लोगों की जागरूकता के बिना विभिन्न बैंक अपने लोगों का बैंक खाता खोलकर उनके मोबाइल नंबर बैंक खाते में दर्ज कर लेते थे और बताए गए बैंक खाते से संबंधित सभी कागजात, पासबुक, चेक बुक और एटीएम कार्ड अपने पास रख लेते थे। पहले, बैंक खातों का उपयोग ऑनलाइन सट्टा धन लेनदेन के लिए किया जाता था।

सब्जी वाले को सिम कार्ड में आफर मिलने का दिया झांसा, खाते में पौने दो करोड़ का लेनदेन, पांच गिरफ्तार

ठेले पर सब्जी बेचने वाले पहाड़ी चौक निवासी राजेंद्र कुमार भारती ने संजू और वैभव शुक्ला के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। राजेंद्र ने कहा कि वह जियो सिम कार्ड लेने के लिए संजू और वैभव के पास गया था। उन दोनों ने छह महीने की मुफ्त कॉलिंग के विकल्प के साथ सिम कार्ड में डेटा प्राप्त करने की आड़ में उसका आधार कार्ड, पैन कार्ड, दो तस्वीरें ले लीं और अंगूठे के निशान के साथ एक खाली दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर अपने पास रख लिया। बाद में उसके दस्तावेजों से बैंक में खाता खुलवाकर ढाई करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया। बैंक से नोटिस मिलने के बाद राजेंद्र भारती को इसकी जानकारी हुई. गुढ़ियारी पुलिस और एंटी क्राइम व साइबर यूनिट की टीम ने जांच शुरू की। इसमें बैंक खातों में महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप के पैसों के लेनदेन पर पुलिस ने कार्रवाई की। पुलिस ने संजू उर्फ संजीव भारद्वाज, वैभव शुक्ला, प्रशांत अग्रवाल, रमेश अग्रवाल और जीत मसरानी को गिरफ्तार कर लिया।