Bijapur Naxal News: नक्सलियों ने पूर्व सरपंच महेश गोटा को किया अगवा, मासूम बेटी ने रिहा करने के लिए की अपील

Bijapur Naxal News: छत्‍तीसगढ़ के नक्‍सल प्रभावित बीजापुर से बड़ी खबर आ रही है। यहां नक्‍सलियों ने 50 ग्रामीणों को अगवा कर लिया है। नक्‍सलियों ने वहां फरसेगढ़ के बड़े मुखिया को अगवा कर लिया, जबकि शेष ग्रामीणों को छोड़ दिया है।

Bijapur News: बस्तर में बीजापुर जिले के फरसेगढ़ और तर्रेम थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने अपहरण की दो अलग-अलग घटनाओं को अंजाम देते हुए मुखबिरी के संदेह में एक ग्रामीण की हत्या कर दी है।एसपी आंजनेय वार्ष्णेय ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि घटना की जांच की जा रही है।ग्रामीणों से पूछताछ कर जानकारी जुटाई जा रही है। फरसेगढ़ के पूर्व सरपंच और बीजेपी नेता महेश गोटा का माओवादियों ने अपहरण कर लिया हैं ।जिसके बाद उनकी मासूम बेटी ने पिता को छोड़ने के लिए एक वीडियो संदेश जारी किया है. जिसमें वह अपने पिता को छोड़ने की अपील कर रही है।

अगवा करने सादे वेश में आए थे नक्सली

नक्सलियों ने रविवार को फरसेगढ़ के पूर्व सरपंच और बीजेपी नेता महेश गोटा का अपहरण कर लिया है. ग्रामीणों ने बताया कि सादे लिबास में आये दो नक्सलियों ने चितकराज पहाड़ी से उसका अपहरण कर लिया है. आदिवासी परंपरा के अनुसार चिकटराज पहाड़ी पर पूजा अनुष्ठान में भाग लेने के लिए आसपास के कई गांवों के लोग यहां पहुंचे थे। गांव के उपसरपंच पांडु गोटा, शिक्षक राजाराम जव्वा, पूर्व उपसरपंच रमेश पोंडी, कार्तिक शाह और लोकेश कुमार बारसे के साथ महेश भी पूजा में शामिल होने गए थे. उसके साथ आए लोगों ने बताया कि महेश अकेले पहाड़ी पर गया था, जब वह देर रात तक नहीं लौटा तो सभी ग्रामीण वापस गांव लौट आये. इधर अपहरण की जानकारी मिलते ही महेश की पत्नी और गांव के लोग महेश को खोजने के लिए चित्रराज पहाड़ी की ओर निकल पड़े।

यहां बता दें कि महेश के पिता चिन्नाराम गोटा सालवा जुडूम आंदोलन के अग्रणी नेता थे, जिनकी नक्सलियों ने हत्या कर दी थी. गोटा परिवार नक्सलियों के निशाने पर रहा है।पुलिस के मुताबिक, तर्रेम थाना क्षेत्र के चिन्नागेलूर में 18 अगस्त को नक्सलियों ने ग्रामीण रामा पूनेम को गांव से अगवा कर लिया था। रविवार की रात चिन्नागुलेर स्थित सुरक्षा बल शिविर से करीब चार किमी दूर जंगल में उनकी हत्या कर दी गयी. नक्सलियों के डर से परिजनों या किसी ग्रामीण ने इसकी रिपोर्ट पुलिस में दर्ज नहीं करायी है. सूचना के बाद गांव पहुंची पुलिस को ग्रामीणों ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है. पुलिस मृत ग्रामीण का शव भी बरामद नहीं कर सकी। यहां बता दें कि कुछ दिन पहले ही चिन्नागुलेर में सुरक्षा बल का कैंप स्थापित किया गया है. यह घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है।