CG Autonomous Colleges News: आटोनामस कालेजों में 40 प्रतिशत पासिंग मार्क्स को लेकर विवाद, छात्रों के बदलाव की मांग के बाद संशोधन की तैयारी

Chhattisgarh News: छत्‍तीसगढ़ के आठ आटोनामस (स्वशासी) कालेजों में पिछले वर्ष शुरू हुए चार वर्षीय ग्रेजुएशन कोर्स को लेकर पहले वर्ष ही विवाद की स्थिति बनी हुई है। नए कोर्स में छात्रों को पास होने के लिए कम से कम 40 प्रतिशत अंक लाना जरूरी है।

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के आठ स्वायत्त संस्थानों में पिछले साल शुरू हुए चार वर्षीय डिग्री पाठ्यक्रम की पहले वर्ष में ही आलोचना हो गई थी। नए पाठ्यक्रम को उत्तीर्ण करने के लिए छात्रों को कम से कम 40 अंक प्राप्त करने होंगे। 40 की कसौटी से छात्र असंतुष्ट हैं। इसी तरह, छात्र अपनी पूरक पात्रता से असंतुष्ट हैं। स्टूडेंट्स ने मांग की है कि इसे बदला जाये। इसीलिए पासिंग ग्रेड में बदलाव की योजना बनाई जा रही है। इस परिदृश्य में उत्तीर्ण अंक 40 से घटाकर 36 या 33 किये जा सकते हैं। इसके अलावा, छात्र दो से अधिक विषयों में फेल होने पर भी अगले सेमेस्टर में प्रवेश ले सकेंगे। अतिरिक्त नियमों में बदलाव पर भी चर्चा हो रही है।

छात्रों को साल बर्बाद होने का सता रहा है डर

राजधानी के शासकीय नागार्जुन साइंस कॉलेज में विवाद के कारण दूसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं नहीं हो सकीं। छात्रों को अपना एक साल बर्बाद होने की चिंता सता रही है। बड़ी संख्या में छात्रों के फेल होने के कारण पाठ्यक्रम संशोधन पर चर्चा के लिए उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश पर पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में एक सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में राजकीय स्वशासी महाविद्यालय के प्राचार्य भी शामिल हुए। प्राचार्यों से कोर्स को लेकर भी चर्चा की गयी। पूर्व पाठ्यक्रम को उत्तीर्ण करने के लिए न्यूनतम 33 अंकों की आवश्यकता होती है। छात्रों का मानना है कि जब छह महीने में सेमेस्टर परीक्षा आयोजित की जाती है तो पूरक पात्रता के लिए विषय का विस्तार किया जाना चाहिए। इसमें दो विषयों में पूरक की पात्रता दी गई है। इसमें भी बदलाव की चर्चा है।पूरक पात्रता के विषय बढ़ाये जायेंगे।

अभी पास होने के लिए चाहिए 40 प्रतिशत अंक

फिलहाल चार वर्षीय स्नातक बीए के 100 अंकों के प्रश्नपत्र में 80 अंक थ्योरी और 20 अंक इंटरनल व असाइनमेंट के दिए जाते हैं। इसमें पास होने के लिए 40 फीसदी अंक लाना जरूरी है। यही नियम साइंस और कॉमर्स में भी लागू है। अन्य कॉलेजों में चल रहे तीन वर्षीय ग्रेजुएशन में पास होने के लिए 33 फीसदी अंक लाने होते हैं। छात्र पासिंग मार्क्स को लेकर अलग-अलग नियमों का विरोध कर रहे हैं। इसलिए अध्यादेश में संशोधन कर नये नियम बनाने पर विचार किया जा रहा है।

प्रदेश के आठ कालेजों में चल रहा है नया कोर्स

राज्य के आठ स्वायत्त कॉलेजों द्वारा एक नया स्नातक पाठ्यक्रम पेश किया जा रहा है। यह कॉलेज चार राज्य विश्वविद्यालयों से जुड़ा हुआ है। शासकीय दूधाधारी बजरंग महिला महाविद्यालय कालीबाड़ी, जो पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से जुड़ा है, शासकीय जे. योगानंदम छत्तीसगढ़ कॉलेज और साइंस कॉलेज राजधानी में तीन सक्रिय कॉलेज हैं।

दुर्ग विश्वविद्यालय साइंस कॉलेज दुर्ग और दिग्विजय कॉलेज राजनांदगांव से संबद्ध है। बिलासपुर में अटल बिहारी यूनिवर्सिटी का बिलासा गर्ल्स कॉलेज और साइंस कॉलेज भी है। पीजी ऑटोनोमस कॉलेज अंबिकापुर भी सरगुजा विश्वविद्यालय से संबद्ध है।